Gurugram: ठगी करने वाले 43 आरोपियों की कोर्ट में पेशी, दिल्ली-एनसीआर में सीबीआई ने मारी था छापा l
सीबीआई ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में 43 आरोपियों को पेश किया। जहां से एक दिन की न्यायिक हिरासत में सभी को भेज दिया है। सीबीआई ने तीन आरोपियों की सात दिन की रिमांड मांगी थी। और 40 आरोपियों की न्यायिक हिरासत की मांग की थी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ करते हुए सीबीआई ने 43 लोगों को गिरफ्तार किया। सीबीआई ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में 43 आरोपियों को पेश किया। सीबीआई ने तीन आरोपियों की सात दिन की रिमांड मांगी और 40 आरोपियों की न्यायिक हिरासत की मांग की।
सीबीआई ने डीएलएफ फेज दो में साइबर सिटी के क्षेत्र में रेड करते हुए 130 कंप्यूटर हार्ड डिस्क, 65 मोबाइल फोन, पांच लैपटॉप, अपराध सिद्ध करने वाले दस्तावेज, वित्तीय लेनदेन विवरण, कॉल रिकॉर्डिंग, पीडि़तों का विवरण एवं पीड़ितों को निशाना बनाने हेतु प्रयोग की गई ट्रांसक्रिप्ट की प्रतिलिपियां बरामद की हैं।जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने ऑपरेशन चक्र-3 के अंतर्गत कार्रवाई की है। अधिकारियों की मानें तो साल 2022 से कॉल सेंटर के माध्यम से कई देशों में साइबर अपराध नेटवर्क चलाया जा रहा था। इस पर कार्रवाई करने के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों यथा एफबीआई (यूएसए) एवं इंटरपोल के सहयोग से कार्रवाई की गई।
अधिकारियों ने बताया कि 22 जुलाई को केस दर्ज करने के बाद दिल्ली, गुरुग्राम एवं नोएडा में सात स्थानों पर तलाशी ली गई। यह पता चला कि इस नेटवर्क को वितरित केंद्रों में समन्वित किया जा रहा था, जिसका निर्देशन मुख्य रूप से डीएलएफ साइबर सिटी, गुरुग्राम से संचालित कॉल सेंटर से किया जा रहा था। छापेमारी के दौरान, लाइव साइबर आपराधिक गतिविधियों को पकड़ा एवं काफी मात्रा में अपराध साबित करने वाले साक्ष्य एकत्र किए गए। जांच टीमों ने अब तक 130 कंप्यूटर हार्ड डिस्क, 65 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, अपराध सिद्ध करने वाले दस्तावेज, वित्तीय लेनदेन विवरण, कॉल रिकॉर्डिंग, पीड़ितों का विवरण एवं पीडि़तों को निशाना बनाने हेतु प्रयोग की गई ट्रांसक्रिप्ट की प्रतिलिपियां बरामद की हैं।
पीड़ितों से नकली पहचान के आधार पर संपर्क किया गया एवं उन्हें अपने सिस्टम पर मॉलिशियस सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के लिए पॉप अप पर क्लिक करने के लिए प्रेरित करते थे। इसके बाद लोगों का कंप्यूटर हैक कर लिया जाता था और डाटा रीस्टोर करने की ऐवज में रुपये की मांग की जाती थी। जांच के दौरान सामने आया कि साइबर ठगी की राशि कई देशों से हांगकांग के रास्ते तक पहुंचाई जाती थी। अधिकारियों ने बताया कि आगामी कार्रवाई के लिए इंटरपोल के माध्यम से एफबीआई एवं कई देशों की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ संपर्क किया जा रहा है। अब तक 43 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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