Ram Navami: रामलला की मूर्ति को लेकर योगीराज ने साझा की अपनी कला यात्रा 'मैंने नहीं बनाया, भगवान ने बनवाया l
सार:-
मूर्तिकार योगीराज ने बताया कि कला के किसी भी काम की बड़े स्तर पर आलोचना की जाती है, लेकिन भगवान राम की मूर्ति बनाने के दौरान ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्हें लोगों की तरफ से प्यार और सराहना मिली।
विस्तार:-
आयोध्या के राम मंदिर में राम नवमी के दिन यानी की 17 अप्रैल को भीड़ उमड़ने वाली है। मंदिर में विराजमान रामलला की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार अरुण योगीराज ने राम नवमी से पहले एक साक्षात्कार के दौरान अपनी कला की यात्रा को साझा किया। उन्होंने बताया कि रामलला की मूर्ति की सुरंदरता आयोध्या के भक्तों के भागवान राम के प्रति प्रेम के कारण बढ़ी है।
अरुण योगीराज ने कहा, "मैंने आयोध्या के कई श्रद्धालुओं से मुलाकात की। उन्होंने अपने दुख, बलिदान और भगवान राम के प्रति अपने प्रेम को साझा किया। मैंने सबकुछ सुना। भगवान राम के प्रति प्रेम के कारण यह मूर्ति सुंदर है।"
मैं फिर से देश के लिए कुछ करना चहूंगा: योगीराज:-
आयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्रतिमा स्थापित होने के बाद उनकी (मूर्तिकार योगीराज) प्रसिद्धि के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "रामलला की प्रतिमा बनाने के बाद सबसे बड़ा बदलाव यह हुआ कि मुझे देश के कोने-कोने से प्यार मिला। इसके साथ ही लोग जितना भगवान राम से प्यार करते हैं, उतना ही वे मुझसे करने लगे। हर कोई मुझसे मिलना चाहता है। वे सभी मुझसे भगवान राम की मूर्ति के बारे में बात करना चाहते हैं। मैंने निर्णय किया कि मैं लोगों से मिलूंगा। मैं उनके प्यार को अपने दिल में रखूंगा। अगर मुझे आगे मौका मिला तो मैं फिर से देश के लिए कुछ करना चाहूंगा।"
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