Delhi Air Pollution: सीएम आतिशी ने ली हाई लेवल मीटिंग, गोपाल राय रहे मौजूद; प्रदूषण पर अफसरों से लिया अपडेट l
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने दिल्ली सचिवालय में प्रदूषण की स्थिति के बारे में अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय भी मौजूद रहे।
राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने के साथ ही मुख्यमंत्री आतिशी ने उच्च स्तरीय बैठक ली। बैठक में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के साथ अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे। आज से दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) का पहला चरण लागू हो चुका है। मंगलवार सुबह आठ बजे से पहले चरण की बंदिशें लागू हो गई हैं। सोमवार को केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) की उप-समिति की बैठक में वायु गुणवत्ता के पूर्वानुमान को देखते हुए यह फैसला लिया गया था।
प्रदूषण पर क्या बोले गोपाल राय
दिल्ली पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि जब हवा रुक जाती है, बारिश बंद हो जाती है और तापमान डाउन हो जाता है तो एक्यूआई का स्तर बढ़ना शुरू हो जाता है। 200 से ऊपर 300 तक जब एक्यूआई का स्तर बढ़ता है तो ग्रैप-1 लागू किया जाता है।आज से इसे पूरे दिल्ली में लागू कर दिया गया है। हम धूल रोधी कार्यक्रम सात अक्टूबर से चला रहे हैं और इसे सख्ती से पालन किया जा रहा है। पुरानी गाड़ी को नियंत्रित करने का काम किया जा रहा है। इसके साथ ही कोयले की दुकानों पर रोक लगाई जाएगी। जनरेटर के उपयोग पर रोक है। इत्यादि अलग-अलग जो सोर्स हैं उसको नियंत्रित करने के लिए आज से कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। हम इसको लेकर काफी सक्रियता से काम कर रहे हैं।
छठ की तैयारियों की समीक्षा बैठक
वहीं दूसरी तरफ दिल्ली में छठ महापर्व की तैयारियां शुरू हो गई हैं। दिल्ली सरकार ने छठ महापर्व को लेकर बैठक में कहा कि इस साल भी दिल्ली में 1000 से ज्यादा छठ घाट तैयार किए जाएंगे, ताकि शहर के हर हिस्से में श्रद्धालुओं को अपने घर के नजदीक ही घाट मिल सके और वो पूरी आस्था और उत्साह के साथ इस महापर्व का आनंद ले सके। GRAP का पहला चरण दिल्ली में लागू
आमतौर पर ग्रैप-1 तब लागू किया जाता है, जब शहर का एक्यूआई 200 के पार पहुंच जाता है। ग्रैप-1 लागू होने के बाद होटलों और रेस्तरां में कोयला और लकड़ी के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध है। इसके अलावा पुराने पेट्रोल और डीजल वाहनों (बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल) के संचालन पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। साथ ही निर्माण और विध्वंस (सीएंडडी) गतिविधियों में धूल शमन उपायों और सीएंडडी कचरे के ठोस पर्यावरण प्रबंधन पर निर्देशों का उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। इसमें 500 वर्ग मीटर के बराबर या उससे अधिक के भूखंड आकार वाली ऐसी परियोजनाओं के संबंध में सीएंडडी गतिविधियों की अनुमति नहीं दी जाएगी, जो संबंधित के वेब पोर्टल पर पंजीकृत नहीं हैं।
विज्ञापनडंप स्थलों से नगर पालिका ठोस अपशिष्ट (एमएसडब्ल्यू), निर्माण और विध्वंस (सी एंड डी) अपशिष्ट और खतरनाक कचरे का नियमित उठाव सुनिश्चित करना होगा। कोई भी कचरा अवैध रूप से खुले क्षेत्रों में डंप नहीं किया जाएगा। वहीं, सड़कों पर समय-समय पर मशीन से सफाई और पानी का छिड़काव करना होगा। सीएंडडी सामग्री और अपशिष्ट को परिसर में उचित रूप से कवर किया जाएगा। वाहनों के लिए पीयूसी मानदंडों की कड़ी निगरानी करनी होगी। डीजल जनरेटर सेट का उपयोग बिजली आपूर्ति के नियमित स्रोत के रूप में नहीं किया जा सकता है।
इन चीजों का रखें ध्यान
-अपने वाहनों के इंजनों को ठीक से ट्यून करके रखें।
-वाहनों में टायर का उचित दबाव बनाए रखें।
-अपने वाहन का पीयूसी प्रमाणपत्र रखें।
-लाल बत्ती पर इंजन बंद कर दें।
-वाहन के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हाइब्रिड वाहनों या ईवी को प्राथमिकता दें।
-खुले स्थानों पर कूड़ा-कचरा न फैलाएं व निस्तारित न करें।
-311 एप, ग्रीन दिल्ली एप, समीर एप आदि के माध्यम से वायु प्रदूषणकारी गतिविधियों की रिपोर्ट करें।
-अधिक से अधिक पौधे लगाएं।
-त्योहारों को पर्यावरण अनुकूल तरीके से मनाएं-पटाखों से बचें।
-10-15 वर्ष पुराने डीजल/पेट्रोल वाहन न चलाएं।
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