अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति : प्रमाणपत्र और मेडल से बढ़ाया होनहारों का हौसला, दिल्ली घूम साझा किया पहला अनुभव l
अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति : प्रमाणपत्र और मेडल से बढ़ाया होनहारों का हौसला, दिल्ली घूम साझा किया पहला अनुभव l
अधिकांश बच्चे ऐसे रहे जिनके लिए दिल्ली घूमना ही एक सपने की तरह था। बच्चों ने कहा कि वह दिल्ली घूम पाएंगे, ऐसा उन्होंने कभी सोचा तक नहीं था।
छात्रवृत्ति पाने वाले होनहारों ने अपने दिल्ली घूमने के अनुभव साझा किए। अधिकांश बच्चे ऐसे रहे जिनके लिए दिल्ली घूमना ही एक सपने की तरह था। बच्चों ने कहा कि वह दिल्ली घूम पाएंगे, ऐसा उन्होंने कभी सोचा तक नहीं था। रक्षा प्रमुख अनिल चौहान से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात तो उनके लिए पूरे जीवन के एक बड़े अनुभव की तरह रहा। बच्चे सुबह इंडिया गेट और प्रधानमंत्री संग्रहालय भी घूमने गए और वहां मिली जानकारी साझा की। बच्चों से मुलाकात के समय प्रबंध निदेशक तन्मय माहेश्वरी, अध्यक्ष वरुण माहेश्वरी, समूह सलाहकार यशवंत व्यास भी मौजूद रहे।
पूर्व में छात्रवृत्ति पाने वाले छात्रों ने साझा किए अनुभव
अभी मेहनत का है समय
जितनी मेहनत करनी है, 25 साल की उम्र तक कर लो। यही सबसे सही समय है। इससे ही उज्ज्वल भविष्य के दरवाजे खुलेंगे। कोरोना के समय मैं अवसाद में आ गया था। निराश था। जहां पढ़ाई करने के लिए प्रवेश चाहता था, वहां नहीं मिला। अब देश के चुनिंदा हैदराबाद विवि से थिएटर आर्ट्स की पढ़ाई कर रहा हूं। अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति से बहुत मदद मिली।
-सौरभ बिष्ट, विजेता, अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति-2018
दूसरों की मदद करने की इच्छा
अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति ने मेरी पढ़ाई को आगे बढ़ाने में बहुत मदद की। मेरी आगे की पढ़ाई में भी अमर उजाला फाउंडेशन ने मदद की। मैं अभी सीए फाइनल ईयर कर रही हूं। मेरी आर्टिकलशिप पूरी हो चुकी है। मेरा प्रयास है कि जिस तरह अमर उजाला ने मेरा सहयोग किया। मैं भी जरूरतमंदों का सहयोग कर सकूं।
-मोनिका चांगड़ा, विजेता, अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति-2016
अब ब्यूरोक्रेट बनना है...
मैं जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। ऐसे में पढ़ाई हमेशा मेरे लिए चुनौती रही। मेरे पिता घरों तक अखबार पहुंचाने का काम करते हैं। अतुल माहेश्वरी छात्रवृत्ति ने मेरी पढ़ाई के लिए आगे के रास्ते खोले। उच्च शिक्षा में भी मेरी मदद की। मैं अभी डीयू से बीएससी कर रही हूं। इसके बाद यूपीएससी की तैयारी करनी है जिससे ब्यूरोक्रेट बनकर लोगों की मदद कर सकूं।
-मणि देवी, विजेता,
परिजनों ने सराही पहल
आयोजन के दौरान बच्चे ही नहीं, परिजन भी उत्साहित दिखे। बच्चों को छात्रवृत्ति मिलने और आगे की पढ़ाई के अवसर बढ़ाने के लिए भी उन्होंने इस पहल की खूब प्रशंसा की। परिजनों को बताया गया कि अमर उजाला फाउंडेशन की प्राथमिकता शिक्षा और स्वास्थ्य है। करीब दो लाख यूनिट रक्तदान हम अब तक अलग-अलग जगहों पर करा चुके हैं। अखबार भी सभी पाठकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरे। इसके लिए भी पूरी टीम पूरा प्रयास कर रही है।
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