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टाइप एक डायबिटीज में जीवनशैली का कोई महत्व नहीं होता है। इसमें बच्चों के शरीर में विकार होने के कारण शरीर में इंसुलिन नहीं बना पाता या बहुत कम इंसुलिन बनाता है। इससे शरीर में रक्त शर्करा बढ़ जाता है।
खराब खानपान और बदलती जीवनशैली के कारण लोगों में डायबिटीज की बीमारी बढ़ रही है। फरीदाबाद के अस्पतालों में रोजाना करीब 100 मरीज इलाज के लिए आते हैं। इनमें से लगभग 10 लोगों में टाइप एक और 90 लोगों में टाइप दो मधुमेह के मरीज होते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार पिछले दो-तीन वर्षों में डायबिटीज के मरीजों की संख्या में 15-20 फीसदी का इजाफा हुआ है।
जिला नागरिक अस्पताल के डॉ. मोहित अग्रवाल ने बताया कि प्रतिदिन 50 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इनमें 4-5 बच्चे सहित अन्य शामिल हैं। टाइप एक डायबिटीज में जीवनशैली का कोई महत्व नहीं होता है। इसमें बच्चों के शरीर में विकार होने के कारण शरीर में इंसुलिन नहीं बना पाता या बहुत कम इंसुलिन बनाता है। इससे शरीर में रक्त शर्करा बढ़ जाता है। इससे मोटापा कम होना, बार-बार पेशाब आना और अधिक प्यास लगना सहित अन्य समस्याएं होती हैं।
निजी अस्पताल के डॉ. संदीप खरव ने बताया कि अस्पताल में डायबिटीज से ग्रसित रोजाना करीब 50 मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। इसमें से तीन से चार मरीज टाइप एक और करीब 45 से 46 मरीज टाइप दो डायबिटीज के आते हैं। टाइप दो डायबिटीज में लोगों के शरीर में इंसुलिन तो बनता है लेकिन वह ठीक से काम नहीं करता या कम काम करता है। जिस कारण शरीर में रक्त शर्करा की मात्रा काफी बढ़ जाती है। खराब खानपान और जीवनशैली, मोटापा बढ़ना, शारीरिक गतिविधि की कमी के कारण डायबिटीज का खतरा रहता है। डायबिटीज होने से मरीजों में हृदय से जुड़ी बीमारियां, आंखों पर असर, किडनी की बीमारी और स्ट्रोक होने का खतरा बना रहता है। इसे दवाओं से नियंत्रित किया जा सकता है।
लक्षण
डायबिटीज की बीमारी होने पर अधिक भूख लगना, थकान, धुंधली दृष्टि, कटने और घावों का धीरे-धीरे ठीक होना, प्यास अधिक लगना, बार बार पेशाव आना, मोटापा कम होने जैसे लक्षण पाए जाते हैं। डायबिटीज की बीमारी होने पर नियमित रूप से व्यायाम करें। स्वस्थ आहार का पालन करें। धूम्रपान से बचें। जीवनशैली में बदलाव और समय पर डॉक्टर से संपर्क कर बीमारी से बचा जा सकता है।
नागरिक अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध
जिला नागरिक अस्पताल में किडनी के मरीजों के लिए डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध है। अस्पताल में मौजूद डायलिसिस विभाग पीपीपी मोड पर चल रहा है। विभाग में एक महीने में करीब 75 मरीजों की डायलिसिस की जाती है। इसके लिए 14 मशीन मौजूद हैं लेकिन इनमें से दो मशीन खराब पड़ी है। इसके साथ ही विभाग में डायलिसिस करने के लिए पर्याप्त स्टाफ भी मौजूद है। इसके साथ ही विभाग में हरियाणा राज्य के मरीजों के लिए निशुल्क डायलिसिस की सुविधा है। इसके अलावा अन्य राज्य के मरीजों को डायलिसिस के लिए शुल्क देना होगा।
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