Delhi: एक छत के नीचे मिलेंगी सारी सुविधाएं लेडी हार्डिंग अस्पताल कैंसर पर करेगा वार l

06-Jul-24, 02:20:PM | 0 views, | 0 comments

Delhi: एक छत के नीचे मिलेंगी सारी सुविधाएं लेडी हार्डिंग अस्पताल कैंसर पर करेगा वार l

लेडी हार्डिंग अस्पताल में कैंसर का इलाज करवाने आ रहीं महिलाओं को रेडिएशन सुविधा के लिए दूसरे अस्पतालों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। कैंसर मरीजों के लिए सर्जरी और कीमोथेरेपी के बाद रेडिएशन सुविधा भी जल्द शुरू हो जाएगी। 

लेडी हार्डिंग अस्पताल में कैंसर का इलाज करवाने आ रहीं महिलाओं को रेडिएशन सुविधा के लिए दूसरे अस्पतालों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। कैंसर मरीजों के लिए सर्जरी और कीमोथेरेपी के बाद रेडिएशन सुविधा भी जल्द शुरू हो जाएगी। 
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में 60 फीसदी से अधिक कैंसर के मामले एडवांस स्टेज में पाए जाते हैं। ऐसे मरीजों को रेडिएशन की सुविधा देनी होती है। अस्पताल में लिनेक मशीन आने के बाद सभी सुविधाएं एक छत के नीचे मिल सकेंगी। लिनेक मशीन की सुविधा को अगले दो से तीन माह में शुरू कर दिया जाएगा। इसकी मदद से ट्यूमर क्षेत्र में उच्च-ऊर्जा एक्स-रे या इलेक्ट्रॉन दिया जाता है। कैंसर के रोगियों में बाहरी बीम विकिरण उपचार के लिए इसका सबसे अधिक इस्तेमाल होता है।

अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की डॉ. शारदा ने बताया कि मौजूदा समय में सर्वाइकल कैंसर के मरीजों को निजी अंगों से रेडिएशन देने की सुविधा है। नई मशीन आने के बाद पहली बार पेट से भी रेडिएशन दिया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि रेडिएशन देने के लिए पूरा सर्कल तभी बन सकता है जब ऊपर और नीचे दोनों तरफ से रेडिएशन दिया जा सके। अभी तक इस सुविधा के लिए मरीज को दूसरे अस्पताल में रेफर किया जा रहा था, लेकिन अब सभी सुविधाएं एक छत के नीचे ही मिल जाएंगी। बता दें कि लेडी हार्डिंग अस्पताल में हर साल हजारों महिलाएं इलाज करवाने आती हैं। 

अस्पताल में रोज आते हैं हजारों मरीज
लेडी हार्डिंग अस्पताल की ओपीडी में हर दिन आठ हजार से अधिक मरीज इलाज करवाने आते हैं। इनमें से बड़ी संख्या में मरीज स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, कान, नाक, गला विभाग सहित अन्य विभाग में इलाज करवाते हैं। जांच के दौरान इनमें बड़ी संख्या में मरीज कैंसर के पाए जाते हैं। इन्हें इलाज के लिए कैंसर विभाग में भेजा जाता है।

अन्य मरीजों को भी मिलेगा सुविधा का लाभ
लिनेक मशीन की मदद से सर्वाइकल कैंसर के अलावा स्तन कैंसर, सिर और गर्दन के कैंसर के मरीजों को भी सटीक रेडिएशन की सुविधा दी जा सकेगी। अस्पताल के कैंसर सेंटर में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग में यह सुविधा मिलेगी। अभी तक विभाग में केवल कीमोथेरेपी की सुविधा मिल रही थी। कुछ समय पहले अस्पताल में ब्रैकीथेरेपी, सीटी सिम्युलेटर व एमआरआई मशीन भी लाई गई थी। इनकी मदद से कैंसर की पहचान व सटीक इलाज में तेजी आई। डॉक्टरों की माने तो सीटी सिमुलेटर सीटी स्कैन की तरह ही एक मशीन है। इसकी मदद से रेडिएशन की डोज कंप्यूटर से निर्धारित की जाती है। इससे थ्री डी सीआरटी थेरेपी और आईएमआरटी थेरेपी भी संभव होती है। अस्पताल के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की डॉ. शारदा ने बताया कि मौजूदा समय में सर्वाइकल कैंसर के मरीजों को निजी अंगों से रेडिएशन देने की सुविधा है। नई मशीन आने के बाद पहली बार पेट से भी रेडिएशन दिया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि रेडिएशन देने के लिए पूरा सर्कल तभी बन सकता है जब ऊपर और नीचे दोनों तरफ से रेडिएशन दिया जा सके। अभी तक इस सुविधा के लिए मरीज को दूसरे अस्पताल में रेफर किया जा रहा था, लेकिन अब सभी सुविधाएं एक छत के नीचे ही मिल जाएंगी। बता दें कि लेडी हार्डिंग अस्पताल में हर साल हजारों महिलाएं इलाज करवाने आती हैं। 

अस्पताल में रोज आते हैं हजारों मरीज
लेडी हार्डिंग अस्पताल की ओपीडी में हर दिन आठ हजार से अधिक मरीज इलाज करवाने आते हैं। इनमें से बड़ी संख्या में मरीज स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग, कान, नाक, गला विभाग सहित अन्य विभाग में इलाज करवाते हैं। जांच के दौरान इनमें बड़ी संख्या में मरीज कैंसर के पाए जाते हैं। इन्हें इलाज के लिए कैंसर विभाग में भेजा जाता है।

अन्य मरीजों को भी मिलेगा सुविधा का लाभ
लिनेक मशीन की मदद से सर्वाइकल कैंसर के अलावा स्तन कैंसर, सिर और गर्दन के कैंसर के मरीजों को भी सटीक रेडिएशन की सुविधा दी जा सकेगी। अस्पताल के कैंसर सेंटर में रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग में यह सुविधा मिलेगी। अभी तक विभाग में केवल कीमोथेरेपी की सुविधा मिल रही थी। कुछ समय पहले अस्पताल में ब्रैकीथेरेपी, सीटी सिम्युलेटर व एमआरआई मशीन भी लाई गई थी। इनकी मदद से कैंसर की पहचान व सटीक इलाज में तेजी आई। डॉक्टरों की माने तो सीटी सिमुलेटर सीटी स्कैन की तरह ही एक मशीन है। इसकी मदद से रेडिएशन की डोज कंप्यूटर से निर्धारित की जाती है। इससे थ्री डी सीआरटी थेरेपी और आईएमआरटी थेरेपी भी संभव होती है। 

इसमें कंप्यूटर की मदद से तीन तरफ से तस्वीर देखकर कैंसर प्रभावित क्षेत्र को टारगेट कर रेडिएशन दिया जा सकता है। वहीं ब्रैकीथेरेपी एक टारगेट थेरेपी है। इसमें रेडियोधर्मी किरणों से सीधे ट्यूमर या कैंसर सेल के अंदर या बगल में वार किया जाता है। इसमें विकिरण के उच्च कुल खुराक का उपयोग किया जाता है। यह शरीर के बाहर से ट्यूमर पर उच्च-ऊर्जा एक्स-रे किरणों को निर्देशित करता है।

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