Saroj Khan: 13 साल की उम्र में की पहली शादी, फिर दूसरी शादी के बाद बदला धर्म, जानें कैसा रहा सरोज का जीवन l
Saroj Khan Birth Anniversary: सरोज खान बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर थीं, जिन्होंने अपने करियर में कई सुपरहिट गानो को कोरियोग्राफ किया है। हालांकि, उनका सफर अपने आप में काफी ज्यादा संघर्षों से भरा रहा था। आइए, जानते हैं उनके जीवन के कुछ अनकही बातें।
बॉलीवुड में कई सुपरहिट गानों की कोरियोग्राफी कर चुकीं सरोज खान का जन्मदिन हैं। उन्होंने अपने करियर में कई बड़े सुपरस्टार्स को नचाया है। 1974 में रिलीज हुई फिल्म 'गीता मेरा नाम' से कोरियोग्राफर के रूप में पहचान हासिल करने वाली सरोज खान ने 'मिस्टर इंडिया, 'नगीना', 'चांदनी', 'तेजाब', 'थानेदार' और 'बेटा' जैसी फिल्मों के गानों को कोरियोग्राफ किया। वह देश के सबसे बड़े कोरियोग्राफर्स में से एक थीं। बॉलीवुड की माधुरी दीक्षित, श्रीदेवी, ऐश्वर्या जैसी दिग्गज अभिनेत्रियां भी उन्हें अपना डांस गुरू मानती थीं। अपने 40 साल के लंबे करियर में सरोज खान ने तीन बार नेशनल अवॉर्ड भी जीता है। पेशेवर जीवन में सरोज खान ने भले ही कामयाबी की ऊंची-ऊंची बुलंदियों को छूया हों, लेकिन उनकी निजी जिंदगी काफी तकलीफों से भरी हुई रही। महज 13 साल की उम्र में सरोज खान की शादी हो गई थी। आइए जानते हैं, दिवंगत कोरियोग्राफर के जीवन की कुछ रोचक बातें। सरोज खान नहीं था असली नाम
सरोज खान का वास्तविक नाम निर्मला नागपाल था। उनके के पिता किशनचंद सद्धू सिंह और नोनी सद्धू सिंह थीं। विभाजन के बाद सरोज खान का परिवार पाकिस्तान से भारत आ गया था। इसके बाद सरोज ने महज 3 साल की उम्र में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। यहां से उनके 40 साल से भी लंबे करियर की नींव पड़ी। हालांकि, बहुत कम उम्र में ही सरोज खान ने शादी कर लिया था, जिससे उनकी जीवन में काफी बड़ा बदलाव आ गया।13 साल की उम्र में की शादी
सरोज ने बहुत कम उम्र में ही शादी कर ली थी। उन्होंने स्कूल जाने वाली उम्र में अपने डांस मास्टर सोहनलाल से शादी कर ली थी। हालांकि, तब उन्हें शादी का मतलब भी नहीं पता था। उस वक्त दोनों की उम्र में बहुत ज्यादा फासला था। सोहनलाल जहां उस समय 30 साल के थे। वहीं, सरोज की उम्र महज 13 साल थी। सरोज खान ने एक इंटरव्यू में बताया था कि 'मैं उन दिनों स्कूल में पढ़ती थी तभी एक दिन मेरे डांस मास्टर सोहनलाल ने गले में काला धागा बांध दिया था और मेरे शादी हो गई थी।' हालांकि, सरोज को शादी करते वक्त ये नहीं पता था कि सोहनलाल पहले से ही शादी-शुदा थे। अकेले की बच्चों की परवरिश
शादी के बाद जब सरोज खान प्रेगनेंट हुईं, तब उन्हें सोहनलाल की शादी के बारे में पता चला। उस वक्त सोहनलाल न सिर्फ शादी-शुदा थे, ब्लकि उनके चार बच्चे भी थे। ऐसे में सोहनलाल ने अपने और सरोज के बच्चों को अपना नाम देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद दोनों के बीच फासले बढ़ते चले गए और फिर साल 1965 में दोनों का अलगाव हो गया। सोहनलाल और सरोज के तीन बच्चे हुए थे, जिनमें से एक की मौत हो गई। अलगाव के बाद सरोज ने अकेले ही अपने बच्चों की परवरिश की।
दूसरी शादी के बाद बदला धर्म
पहली शादी के बुरे अंजाम के बाद सरोज खान ने वर्ष 1975 में सरदार रोशन खान से दूसरी शादी की। इस शादी के बाद उन्होंने अपना धर्म बदल लिया। इस शादी से दोनों की एक बेटी हुई, जिनका नाम सुकैना खान है। इस्लाम कबूलने को लेकर एक बार सरोज खान ने कहा था, 'मैंने अपनी मर्जी से इस्लाम अपनाया था। मुझे इस्लाम धर्म से प्रेरणा मिलती है। मुझ पर कोई दबाव नहीं था।'
Share This Post :
Comments
Add New Comment
Your comment has been queued for review by site administrators and will be published after approval.
Add New Comment